हम भी काफी तेज़ थे पहले वो भी थी होशियार बहुत ,
पहले दोनों खेल रहे थे लेकिन अब है प्यार बहुत !
काफिले रेत हुए दश्त-ए-जुनूं में कितने,
फिर भी आवारा मिजाजों का सफर जारी है !
एक ये दिन जब लाखों ग़म और काल पड़ा है आँसू का,
एक वो दिन जब एक जरा सी बात पे नदियाँ बहती थी!
यह दुनिया भर के झगडे, घर के किस्से, काम की बातें,
बला हर एक टल जाये, अगर तुम मिलने आ जाओ.
हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है,
हम हैं मुसाफ़िर ऐसे जो मंज़िल से आए हैं!
किन लफ़्ज़ों में इतनी कड़वी, इतनी कसैली बात लिखूं,
शेर की मैं तहज़ीब निभाऊं या अपने हालात लिखूं!
Na Jaane Kab Se Mujhe Intezaar Hai Uss Ka,
Jo Keh Gayaa Tha Mera Intezaar Mat Karna.
हम है वफ़ा के पुजारी , हरदम वफ़ा करेंगे,
एक जान रह गयी है , इससे भी तुम पर फ़िदा करेंगे.
अल्लाह करे तुमको भी हो चाह किसी की,
फिर मेरी तरह तू भी, राह देखे रहा किसी की!
Main Bhool Jaoon Ab Yehi Munaasib Hai,
Magar Bhulana Bhi Chahoon Toh Kis Trah Bhulaaon,
K Tum Toh Phir Bhi Haqeeqat Ho, Koi Khawab Nahi.
खो गयी है मंजिले, मिट गए है सारे रस्ते,
सिर्फ गर्दिशे ही गर्दिशे, अब है मेरे वास्ते.
काश उसे चाहने का अरमान न होता,
मैं होश में रहते हुए अनजान न होता!