Navigation
खो गयी है मंजिले, मिट गए है सारे रस्ते, सिर्फ गर्दिशे ही गर्दिशे, अब है मेरे वास्ते. काश उसे चाहने का अरमान न होता, मैं होश में रहते हुए अनजान न होता!
Name (required)
Mail (will not be published) (required)