Apne Hothon Se Chun Raha Hoon


अपने होठों से चुन रहा हूँ तुम्हारी सासों की आयतों को,
कि जिसम के इस हसीन काबे पे रूह सजदे बिछा रही है।

Category: Gulzar Shayari

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