Sharab Shayari - Hindi Shayari

Rakh Le 2-4 Botal Kafan Main

रख ले 2-4 बोतल कफ़न में,
साथ बैठ कर पिया करेंगे,
जब माँगे गा हिसाब गुनाहों का,
एक पेग उससे भी दे दिया करेंगे

Rakh Le 2-4 Botal Kafan Main

Nasha Hum Kiya Karte Hain

नशा हम किया करते है इलज़ाम शराब को दिया करते है…
कसूर शराब का नहीं उनका है जिनका चहेरा हम जाम मै तलाश किया करते है…

Nasha Hum Kiya Karte Hain

Hum Toh Jee Rahe The

हम तो जी रहे थे उनका नाम लेकर,
वो गुज़रते थे हमारा सलाम लेकर,
कल वो कह गये भुला दो हुमको,
हमने पुछा कैसे!!!!
वो चले गये हाथो मे जाम देकर

Hum Toh Jee Rahe The

Har Roz Peeta Hoon

हर रोज़ पीता हूँ तेरे छोड़ जाने के ग़म में,
वर्ना पीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं,
बहुत याद आते है तेरे साथ बीताये हुये लम्हें,
वर्ना मर मर के जीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं

Har Roz Peeta Hoon

Jaam Pe Jaam

जाम पे जाम पीने से क्या फायदा दोस्तों
रात को पी हुयी शराब सुबह उतर जाएगी!
अरे पीना है तो दो बूंद बेवफा के पी के देख
सारी उमर नशे में गुज़र जाएगी

Jaam Pe Jaam

Mehfil Main Iss Kadar

महफ़िल में इस कदर पीने का दौर था
हमको पिलाने के लिए सबका जोर था,
पी गए हम इतनी यारो के कहने पर,
न अपना गौर था न ज़माने का गौर था

Mehfil Main Iss Kadar

Jane Kabhi Gulab Lagti Hai

जाने कभी गुलाब लगती हे
जाने कभी शबाब लगती हे
तेरी आखें ही हमें बहारों का ख्बाब लगती हे
में पिए रहु या न पिए रहु,
लड़खड़ाकर ही चलता हु
क्योकि तेरी गली कि हवा ही मुझे शराब लगती हे

Jane Kabhi Gulab Lagti Hai

Bethe Hain Dil Me

बैठे हैं दिल में ये अरमां जगाये,
के वो आज नजरों से अपनी पिलाये |
मजा तो तब ही पीने का यारो,
इधर हम पियें और नशा उनको आये

Raat Gumsum Hai

रात गुमसूँ है मगर चेन खामोश नही,
कैसे कहदू आज फिर होश नही,

ऐसा डूबा तेरी आखो की गहराई मैं,
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नही

Raat Gumsum Hai

Mai Tod Leta

मे तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती
मे जवाब बनता अगर तू सबाल होती
सब जानते है मैं नशा नही करता,
मगर में भी पी लेता अगर तू शराब होती

Mai Tod Leta

Mujhe Duniya Waalo

Mujhe Duniya Waalo Sharabi Na Samjho
Main Peeta Nahe Hoon Pilaayi Gai Hai

Mujhe Duniya Waalo

Tum Nahi Gham Nahi

तुम नहीं ग़म नहीं शराब नहीं,
ऎसी तन्हाई का जवाब नहीं

Tum Nahi Gham Nahi

Garche Ahal-E-Sharab Hai Hum Log

गरचे अहल-ए-शराब हैं हम लोग,
ये न समझो ख़राब हैं हम लोग

Aaye Kuch Abr Kuch Sharab Aaye

आये कुछ अब्र कुछ शराब आये,
उस के बाद आये जो अज़ाब आये

Aaye Kuch Abr Kuch

Yahan Koi Na Jee Ska

यहाँ कोई न जी सका, न जी सकेगा होश में,
मिटा दे नाम होश का,शराब ला शराब ला

Na Dil Me Koi Gham Rahe

न दिल में कोई ग़म रहे न मेरी आँख नम रहे,
हर एक दर्द को मिटा शराब ला शराब दे

Na Dil Me Koi Gham Rahe

Mere Ishq Bhi Hai

मेरे अश्क भी हैं इस में, ये शराब उबल न जाए,
मेरा जाम छूने वाले तेरा हाथ जल न जाए

Mere Ishq Bhi Hai

Sheesha Rahe Bagal Main

शीशा रहे बग़ल में जाम -ए -शराब लब पर,
साक़ी यही मज़ा है दो दिन की ज़िन्दगी में

Meri Tabahi Ka Ilzam

मेरी तबाही का इल्ज़ाम अब शराब पे है,
मैं और करता भी क्या, तुम पे आ रही थी बात

Meri Tabahi Ka Ilzam

Gar Aag Maikasho Ki

गर आग मैकशों की सज़ा है तो या ख़ुदा,
दोज़ख़ में एक नहर बहा दे शराब की

Gar Aag Maikasho Ki