Raat Gumsum Hai


रात गुमसूँ है मगर चेन खामोश नही,
कैसे कहदू आज फिर होश नही,

ऐसा डूबा तेरी आखो की गहराई मैं,
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नही

Raat Gumsum Hai
Category: Sharab Shayari

Leave a comment